नया भारत, नया न्याय: क्या बदला है हमारे कानूनों में?

🔍 पुराने बनाम नए भारतीय क्रिमिनल लॉज़ – सरल सारांश

🎯 वीडियो का उद्देश्य:

  • पुराने (IPC, CrPC, IEA) और नए कानूनों (BNS, BNSS, BSA) का तुलनात्मक विश्लेषण।
  • यह समझना कि नए कानून सिर्फ “Old wine in a new bottle” हैं या वाकई में सुधार लाए हैं।

🕰️ इतिहास की झलक:

मकाले (Thomas Macaulay) का योगदान:

  • ब्रिटिश समय में Indian Penal Code (IPC) की नींव रखी।
  • मकाले ने 1834 में पहला ड्राफ्ट तैयार किया, लेकिन IPC लागू हुआ 1860 में।

CrPC और Evidence Act:

  • IPC के बाद CrPC (Criminal Procedure Code) आया, जो ट्रायल, इन्वेस्टिगेशन आदि की प्रक्रिया तय करता है।
  • फिर आया Indian Evidence Act (1872) — बनाया सर जेम्स स्टीफन ने।

⚖️ लॉ का वर्गीकरण:

  • Substantive Law: क्राइम की परिभाषा, सज़ा (जैसे IPC, अब BNS)।
  • Procedural Law: कोर्ट की प्रक्रिया, एफआईआर, ट्रायल कैसे चलेगा (जैसे CrPC, अब BNSS)।

🧠 क्यों नए कानून लाए गए?

  • पुराने कानून ब्रिटिश मानसिकता से प्रेरित थे।
  • नए कानून भारत-केंद्रित, तकनीकी रूप से अपग्रेडेड और विक्टिम-सेंट्रिक बनाए गए हैं।

🆕 नए कानून – 2023–2024 रिफॉर्म्स:

BNS (Bharatiya Nyaya Sanhita) – IPC को रिप्लेस करता है।

BNSS (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita) – CrPC को रिप्लेस करता है।

BSA (Bharatiya Sakshya Adhiniyam) – Evidence Act को रिप्लेस करता है।

लागू: 1 जुलाई 2024 से


🔄 मुख्य बदलाव (Reforms) एक नजर में:

1️⃣ महिलाओं और बच्चों पर अध्याय:

  • IPC में बिखरे हुए थे, अब BNS में dedicated chapter है।
  • अब ये gender neutral हैं।

2️⃣ टाइमलाइन आधारित न्याय:

  • BNSS में 45 सेक्शनों में स्पष्ट समयसीमा तय।
  • उदाहरण: जजमेंट 45 दिनों के अंदर, चार्ज फ्रेमिंग 60 दिनों में।

3️⃣ कम्युनिटी सर्विस पनिशमेंट:

  • छोटे अपराधों के लिए जेल नहीं, समाजसेवा (unpaid social work) करवाई जाएगी।

4️⃣ तकनीक का समावेश:

  • e-FIR, डिजिटल सबूत को अब मान्यता।
  • लेकिन, इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी चिंता का विषय है।

5️⃣ विक्टिम-सेंट्रिक अप्रोच:

  • विक्टिम को 90 दिनों में इन्वेस्टिगेशन की जानकारी मिलेगी।
  • विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम जैसी नई पहलें।

6️⃣ पुलिस को नई शक्तियाँ:

  • यह डिबेटेबल है — कुछ इसे पुलिस के पक्ष में, कुछ इसे पब्लिक के खिलाफ मानते हैं।

📌 लॉ कमीशन और नए ड्राफ्ट:

  • लॉ कमीशन ने कई रिपोर्ट्स दीं (जैसे 262nd – death penalty, 22nd – sedition law हटाने की बात)।
  • लेकिन इस बार ड्राफ्टिंग की जिम्मेदारी NLU दिल्ली को दी गई थी।
  • 1 जुलाई 2024 को नए कानून लागू हो गए।

🧠 अंत में एक सवाल:

कौन-सा कानून substantive है, procedural है, और संविधान किस श्रेणी में आता है?

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