हमारे देश में कई ऐसे कानून और अधिकार मौजूद हैं जिनकी जानकारी आमतौर पर लोगों को नहीं होती, लेकिन ये हमारे रोजमर्रा के जीवन में बेहद मददगार साबित हो सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कुछ ऐसे ही अहम कानून, नियम और उपभोक्ता अधिकार जो आपकी सुरक्षा, सुविधा और न्याय दिलाने में काम आ सकते हैं।
1. ट्रैफिक पुलिस आपकी गाड़ी की चाबी नहीं निकाल सकती
अक्सर देखा गया है कि ट्रैफिक पुलिस वाले किसी नियम उल्लंघन की स्थिति में वाहन चालक को रोककर उनकी गाड़ी की चाबी निकाल लेते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि Motor Vehicles Act, 1932 में इसका कोई प्रावधान नहीं है। यानी, यह पूरी तरह अवैध है।
- अगर पुलिस चालान कर रही है, तो उनके पास चालान बुक या ई-चालान मशीन होनी चाहिए।
- अगर आप पुलिस द्वारा रोके जाते हैं, तो वहां से भागने की कोशिश ना करें। ऐसा करना कानूनन गलत है और उच्च रैंक के अधिकारी आपकी गाड़ी के कागजात जब्त कर सकते हैं।
- अगर जबरन चाबी निकाली जाती है या दस्तावेज जब्त किए जाते हैं, तो आप Commissioner, DCP, SP या DSP के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
2. फ्लाइट लेट होने पर मिल सकता है फ्री खाना या रिफंड
Directorate General of Civil Aviation (DGCA) के नियमों के अनुसार:
- अगर आपने समय पर चेक-इन कर लिया है और फ्लाइट 2 से 5 घंटे लेट होती है, तो आप एयरलाइंस से फ्री मील या रिफ्रेशमेंट मांग सकते हैं।
- अगर फ्लाइट 6 घंटे या उससे अधिक देर होती है, तो आप टिकट का फुल रिफंड या वैकल्पिक फ्लाइट की मांग कर सकते हैं।
- अगर एयरलाइन सहयोग नहीं करती है, तो आप DGCA की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं, और उन्हें 30 दिनों में जवाब देना होगा।
3. एक्सीडेंट पीड़ित की मदद करने पर ₹5000 का इनाम
15 अक्टूबर 2021 को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया जिसमें कहा गया कि अगर कोई व्यक्ति किसी एक्सीडेंट पीड़ित को 1 घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाता है, तो:
- उसे ₹5000 का कैश इनाम मिलेगा।
- उसे “Good Samaritan” माना जाएगा।
- उसका नाम पुलिस रिकॉर्ड में सम्मानपूर्वक दर्ज किया जाएगा।
- उसे Good Samaritan Certificate भी मिलेगा।
- साल के अंत में ऐसे 10 लोगों को ₹1 लाख तक का विशेष पुरस्कार दिया जाएगा।
यह नियम Motor Vehicles (Amendment) Act, Section 134A के अंतर्गत आता है।
4. दुकानदार MRP से ज़्यादा चार्ज नहीं कर सकते
भारत में यह कानूनी रूप से तय है कि कोई भी दुकानदार आपको MRP (Maximum Retail Price) से अधिक चार्ज नहीं कर सकता।
- जैसे कि अगर आप कोल्ड ड्रिंक खरीदते हैं और दुकानदार कूलिंग चार्ज के नाम पर ज़्यादा वसूलता है, तो यह अवैध है।
- आप इसकी शिकायत consumerhelpline.gov.in पर कर सकते हैं।
- Legal Metrology Act, Section 36 के तहत कंज्यूमर फोरम में केस दर्ज कर दुकानदार पर जुर्माना लगवाया जा सकता है।
📌 एक केस में एक ग्राहक ने 2022 ग्राम के चिप्स पैकेट में वजन कम मिलने पर शिकायत की थी और उसे ₹1 लाख का मुआवज़ा मिला था।
5. कैरी बैग पर ब्रांड नाम है तो चार्ज नहीं किया जा सकता
अगर आप किसी दुकान से सामान खरीदते हैं और दुकानदार कैरी बैग का चार्ज करता है, तो यह जांचें:
- अगर कैरी बैग पर उस दुकान या ब्रांड का नाम/logo है, तो दुकानदार आपको उसका चार्ज नहीं कर सकता।
- अगर बैग पूरी तरह plain है, तो वे चार्ज ले सकते हैं।
6. गाड़ी की टायर की हवा निकालना है अपराध
अगर कोई जानबूझकर आपकी गाड़ी की हवा निकाल देता है या टायर पंचर करता है, तो आप IPC की धारा 425 और 426 के तहत उस व्यक्ति के खिलाफ मिसचीफ (Mischief) के लिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इस अपराध में:
- 3 महीने की जेल तक की सजा हो सकती है।
- साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
7. खाने में कुछ गड़बड़ी मिली तो रेस्टोरेंट पर जुर्माना लग सकता है
अगर किसी रेस्टोरेंट में आपके खाने में कोई अनवांटेड या हानिकारक वस्तु मिलती है तो आप:
- FSSAI Act, Section 54 के तहत शिकायत कर सकते हैं।
- आपको ₹1 लाख तक का मुआवज़ा मिल सकता है।
- शिकायत आप FSSAI पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं।
8. डोमेस्टिक वॉयलेंस की ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है
अगर कोई महिला घरेलू हिंसा की शिकार है और पुलिस स्टेशन नहीं जा सकती, तो वह:
- एक ईमेल के ज़रिए शिकायत भेज सकती है।
- इसके बाद SHO (Station Head Officer) एक महिला कांस्टेबल को उसके घर भेजेगा ताकि वह स्टेटमेंट दर्ज कर सके।
9. पत्नी द्वारा बूढ़े माता-पिता को छोड़ने का दबाव – मानसिक क्रूरता
अगर कोई पत्नी अपने पति पर दबाव बनाती है कि वह अपने बुजुर्ग माता-पिता या रिश्तेदारों को छोड़ दे, तो यह मानसिक क्रूरता (Mental Cruelty) की श्रेणी में आता है।
- पति इस आधार पर Hindu Marriage Act, Section 13(1)(ia) के तहत तलाक के लिए याचिका दाखिल कर सकता है।
10. अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें – और जानकारी फैलाएं
ये सभी कानून और नियम इस बात का प्रमाण हैं कि अगर आप अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं, तो कोई भी आपको आपका हक़ नहीं छीन सकता।
👉 ऐसे कई लोग हैं जो इन्हीं कानूनों की मदद से न्याय पा चुके हैं। इसलिए जानकारी रखें, सही कदम उठाएं, और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें।
निष्कर्ष:
हमारे देश का कानून नागरिकों की सुरक्षा, सम्मान और सुविधा के लिए बना है। ज़रूरत है बस उसे जानने और इस्तेमाल करने की। अगर आपको यह लेख उपयोगी लगा हो तो इसे दूसरों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि वे भी अपने अधिकारों से परिचित हो सकें।